Wednesday 22 February 2012

गीत कोना कऽ गाबी / मैथिली गीत

                          
गीत कोना क गाबी




एहेन  हाल मे कानि  सकै  छी,  गीत  कोन क गाबी ??




गोली - बारूदक  मौसम मे, हम  कविता  केहेन सुनाबी ?
हाल  देखि  बे-हाल  भेल  छी,  गीत कोना कऽ   गाबी ??



गाम - गाम आ शहर – शहर मे, आतंकक अछि    छाया ।
ठोहि पारि क कानी रहल अछि, गौतम  बुद्धक  काया
शब्द - शब्द सँ  चिनगी उड़इछ,  शब्द - शब्द सँ धधरा ।
अपनहि घर,  हम जड़ा रहल छी,  अपन - अपन बखरा ।

गामक - गाम  जरैए  धह - धह,  ककरा कोना बचाबी ?
एहेन  हाल मे कानि  सकै  छी,  गीत  कोन क गाबी ??



टूटल   सरस्वती   केर,  वीणा  केर     संगीतक  धारा ।
मनुखक छुद्र  स्वार्थ पर कनइत,  अछि विज्ञान बेचारा
पत्रहीन, सभ गाछ  नग्न अछि,  जेम्हरे  देखू      तेम्हर
कत अलोपित भेल  गाम सँ,  बऽड़क गाछ     झमटगर

थाकल - हारल  लोक  सोचैए,  कतऽ   कने   सुस्ताबी ?
एहेन हाल मे  कानि सकै छी,  गीत  कोना क गाबी ??



बेर - बेर    उठबैए   हाबा,      एखनो   वैह   सवाल
बुद्ध – महावीरक   ई   धरती,  एहेन   किये    कंगाल
द्रोण - भीष्म केर चुप्पी आ  धृतराष्ट्रक   कुत्सित  सपना ।
बेर – बेर - दोहरैल जाइत अछि,  लाक्षा-गृह  केर घटना

उचित  यैह  जे  आमक खातीर,  आमक  गाछ लगाबी ।
चलै चलू हम सभ हिल-मिल कऽ,  अपन बिहार  बचाबी ।।






(परिप्रेक्ष्य / सन्दर्भ - ओहि समयक मिथिला सहित सम्पुर्ण बिहारक दुरावस्था)
( रचना : सिवान / २२.०२.१९९२ )




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